You are currently viewing मिजोरम ने असम पुलिस पर मजदूर को अगवा करने और उसे पीटे जाने का लगाया आरोप

मिजोरम ने असम पुलिस पर मजदूर को अगवा करने और उसे पीटे जाने का लगाया आरोप

मान्यवर:-मिजोरम ने असम पुलिस पर मजदूर को अगवा करने और उसे पीटे जाने का आरोप लगाया है। इसको लेकर मिजोरम कोलासिब के डिप्टी कमिश्नर एच. ललथांगलियाना ने असम के हैलाकांडी के अपने समकक्ष को पत्र लिखा है।

आरोप है कि गुरुवार की शाम को विवादित सीमा के पास वैरांगते गांव से असम पुलिस के कुछ जवानों ने ललनाराम्माविया नामक मजदूर का अपरहरण कर लिया। मजदूर की आंख पर पहले पट्टी बांधी गई और बंदूक के दम पर पुलिस उसे उठा ले गई। गौरतलब है कि जुलाई में दोनों राज्यों की पुलिस की ओर से सीमा विवाद को लेकर फायरिंग भी हुई थी।

डिप्टी कमिश्नर एच. ललथांगलियाना के पत्र के अनुसार कुछ मजदूर सड़क बनाने का काम कर रहे थे। असम पुलिस इस काम को बंद कराना चाहती थी। काम बंद नहीं हुआ तो पुलिस ने वहां लोगों को मारा और मजदूर को अगवा कर लिया। इसके बाद पुलिस उसे एक नदी तक घसीटते हुए ले गई। पुलिस ने मजदूर का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया। एच. ललथांगलियाना ने कहा है कि ऐसी घटनाओं से सीमा पर फिर से तनाव बढ़ सकता है।

पिछले महीने यानी 26 जुलाई को दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद में हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों की ओर से फायरिंग और पत्थरबाजी भी हुई थी। इसमें छह पुलिस जवानों समेत एक नागरिक की मौत हो गई थी। वहीं 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

मिजोरम के कोलासिब, मामित और ऐजौल व असम के काछर, हैलाकांडी, करीमगंज के बीच 146.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा होती है। दोनों राज्य इस सीमा को लेकर अलग-अलग नियम मानते हैं। मिजोरम का मानना है 1875 में आदिवासियों को बाहरियों से बचाने के लिए यह सीमा तैयार की गई थी। जबकि, असम 1933 में किए गए जिले के सीमांकन को मानता है।