मान्यवर:-संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की तरफ से हरियाणा और पंजाब में 1 अक्तूबर के बजाय 11 अक्तूबर से धान की खरीद शुरू किए जाने के निर्णय पर आंदोलन शुरू करने का एलान था। इसी के मद्देनजर शनिवार दोपहर को करनाल में प्रदर्शनकारी किसान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निवास के घेराव के लिए इकट्ठा हुए। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं।
प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए हैं। वहीं किसानों ने सोनीपत में सांसद रमेश कौशिक के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वहीं पानीपत में धान की खरीद की तिथि आगे बढ़ाए जाने से किसानों को हो रही परेशानी पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा अनाज मंडी में सांकेतिक धरने पर बैठे। संयुक्त किसान मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति की शुक्रवार को कुंडली बॉर्डर पर आपातकालीन बैठक में आंदोलन करने का फैसला लिया था।
जिसके चलते शनिवार दोपहर को किसान सांसद रमेश कौशिक के आवास के बाहर जुट गए हैं। इस दौरान किसानों ने कहा कि सरकार ने पहले धान की खरीद 1 अक्तूबर से करने की घोषणा की थी मगर एकाएक सरकार ने अपना फैसला बदल दिया और अब धान की खरीद 11 अक्तूबर से शुरू करने की बात कह रही है। सरकार धान में नमी व डिस्कलर आदि के बहाने लगा रही है। सरकार धान खरीद को लेकर आए दिन मापदंड बदल रही है। किसान इसे सहन नहीं करेगा।
नरवाना में धान की खरीद का कार्य शुरू न होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर क्षेत्र के किसानों ने जजपा विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा के निवास के बाहर धरना शुरू कर दिया है। इससे पहले शुक्रवार सुबह किसान करनाल में मार्केट कमेटी कार्यालय का घेराव कर दोनों मुख्य गेट पर ताले जड़कर धरने पर बैठ गए थे। आढ़तियों ने भी साथ दिया। इससे मंडी सचिव चंद्रप्रकाश और 25 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय के अंदर करीब आठ घंटे बंधक रहे। भाकियू (चढूनी) के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य जगदीप औलख की अगुवाई में एकत्र हुए किसानों ने शाम छह बजे धरना खत्म किया तो अधिकारी-कर्मचारी बाहर निकल सके।