मान्यवर:-ये भले ही सुनने में अटपटा लगे, मगर ये हकीकत है। दिल्ली में हर रोज 103 से ज्यादा वाहन चोरी होती हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष नौ वाहन ज्यादा चोरी हो रहे हैं। पिछले वर्ष के शुरूआती दस महीने के मुकाबले इस वर्ष के शुरूआती दस महीने में वाहन चोरी व झपटमारी समेत ज्यादा वारदातों का ग्राफ बढ़ा है। गंभीर अपराधिक मामलों में भी मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। हालांकि दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना दिल्ली में अपराध को काबू करने के लिए आए दिन नए-नए कदम उठा रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष एक जनवरी से 31 अक्तूबर तक दिल्ली से 31,374 वाहन चोरी हुए हैं। इस हिसाब से हर रोज करीब 103 से ज्यादा वाहन चोरी हो रहे हैं। पिछले वर्ष एक जनवरी से लेकर 31अक्तूबर तक कुल 28,732 वाहन चोरी हुए थे। पिछले वर्ष के वाहन चोरी के आंकड़ों को देखे तो पिछले वर्ष हर रोज करीब 94 वाहन चोरी हो रहे थे। इसी तरह दिल्ली में झपटमारी की वारदातों में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। इस वर्ष शुरूआती दस महीनों में झपटमारी की 7,504 वारदातों हुई है। इस हिसाब से देखे तो दिल्ली में झपटमारी की हर रोज करीब 25 वारदात हो रही है। पिछले वर्ष झपटमारी की 6,318 वारदात हुई थीं और हर रोज झटमारी की करीब 21 वारदात हो रही थी।
गंभीर अपराधिक वारदातों में भी मामूली बढ़ोत्तीर हुई है। पिछले वर्ष शुरूआती दस महीने में 4,614 गंभीर अपराधिक वारदातें हुई थी वहीं इस वर्ष 31 अक्तूबर तक 4,666 वारदात हो चुकी हैं। डकैती की वारदातो में भी बेहताश बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले वर्ष के शुरूआती दस महीने में जहां 8 वारदात हुर्ह थी वहीं इस वर्ष अभी तक डकैती की 20 वारदात हो चुकी हैं। दिल्ली में कुल आईपीसी की वारदातों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले वर्ष जहां 2,06,978 वारदात हुई थी वहीं इस वर्ष आईपीसी की कुल 2,41,550 वारदातों हो चुकी है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना राजधानी में अपराध को काबू करने के लिए काफी मजबूत कदम उठा रहे हैं। वह स्ट्रीट क्राइम को रोकने पर जोर दे रहे है। उन्होंनें पीसीआर वैन को थाने में मर्ज कर दिया। थानों को दो भागों में बांटकर लॉ एंड ऑर्डर व जांच विंग बनाई है। जिले में एक डीसीपी को रात में रूकने के आदेश दिए गए हैं। इलाके में सीनियर अफसरों की उपस्थिति बढ़ाई गई है।