जालंधर (ब्यूरो): बेशक अमृतसर से हुक्मनामा जारी करने वाले वाल्मीकि समुदाय के नेताओं ने मुख्यमंत्री के साथ 19 तारीख को बैठक मिलने के बाद बंद की काल वापस ले ली है, लेकिन जालंधर में रविदास और वाल्मीकि समाज के नेताओं ने बंद की कॉल वापस नहीं ली है। उन्होंने कहा कि जालंधर में आज पूर्ण बंद रखा जाएगा।रविदास टाइगर फोर्स के जस्सी तल्हण ने कहा कि एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने अनुसूचित जाति के लोगों पर अभद्र टिप्पणी की है। इसके विरोध में एक दिन का बंद रखा गया है। सरकार से मांग की भी जा रही है और करेंगे भी कि अनमोल रतन मान के खिलाफ एसएसी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए।रविदास टाइगर फोर्स ने कहा कि अमृतसर में बेशक समुदाय के लोगों ने सीएम से बात होने के बाद बंद की कॉल को वापस ले लिया है, लेकिन जालंधर में दोनों समुदाय एकजुट हैं और दोनों ही बंद पर पूरी तरह से अडिग हैं। उन्होंने कहा कि बंद को लेकर जालंधर के सर्किट हाउस में दोनों समुदाय के लोगों की बैठक भी हुई है जिसमें सभी ने सर्वसम्मति से मिलकर फैसला लिया है।
रविदासिया और वाल्मीकि समाज की बंद की काल को देखते हुए सुरक्षा के मद्देऩजर शहर में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। शहर के मुख्य चौराहे ज्योति चौक जिसे भगवान वाल्मीकि चौक के नाम से भी जाना जाता है वहां पर किसी भी प्रकार के तनाव पर नियंत्रण पाने के लिए अधिक पुलिस फोर्स लगाई गई है। इसी बीच यह भी सूचना मिली है कि रेलवे रोड पर आज कुछ दुकानदारों ने अपनी दकानें खोली थीं। लेकिन जैसे ही इसका पता रविदास टाइगर फोर्स और वाल्मीकि टाइगर फोर्स को लगा तो उनके सदस्य रेलवे रोड वाले बाजार में पहुंच गए। उन्होंने दुकानों को वहां परह बंद करवा दिया। हालांकि ज्योति चौके आसपास सभी दकानें बंद दिखाई दीं।
इसी बीच रविदास टाइगर फोर्स के नेताओं ने कहा कि उनकी बंद की कॉल को जालंधर में दुकानदारों की जो एसोसिएशन हैं उनका भी समर्थन मिला है। दुकानदारों ने भी समर्थन में दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने सभी शिक्षण संस्थानों से भी अपील की है कि वह संस्थानों को बंद रखें। टाइगर फोर्स के प्रधान जस्सी तल्हण ने कहा कि चंडीगढ़ में भी मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक की कोशिश की थी, लेकिन बैठक में मुख्यमंत्री नहीं आए।मंत्री कुलदीप धालीवाल ने अपने स्तर पर मामला शांत करने की कोशिश की थी, लेकिन उनके साथ दोनों समुदाय के लोगों की सहमति नहीं बनी थी। जिसके बाद समुदाय के पदाधिकारियों ने वहां पर भी आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। उन्होंने कहा कि एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने एससी वर्ग की नौकरी पर अपनी कानूनी राय देते हुए टिप्पणी की थी कि जिन पदों पर एससी वर्ग को रखा जा रहा है वह उसके क़ाबिल नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी यह टिप्पणी अनुसूचित जाति के लोगों के प्रति उनकी घृणा को प्रदर्शित करती है।