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Transport tender scam में ED की एंट्री:विजिलेंस ने साझा किया रिकॉर्ड, पूर्व मंत्री की बढ़ सकती मुश्किलें, ट्रांजेक्शन-प्रॉपर्टी का होगा खुलासा

जालंधर (ब्यूरो): पंजाब के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि विजिलेंस ब्यूरो ने 2000 करोड़ रुपए के खाद्यान्न परिवहन घोटाले के मामले में दस्तावेज और विवरण (ED) एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के साथ साझा किए हैं। ED ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। अब पूर्व मंत्री और करीबियों पर गाज गिर सकती है। वहीं जो फरार आरोपी हैं उन पर भी शिकंजा कसने की विजिलेंस की पूरी तैयारी है।

चार्जशीट दायर होने के बाद दिया रिकॉर्ड
विजिलेंस ब्यूरो द्वारा इस मामले में पूर्व मंत्री को गिरफ्तार किए जाने के बाद ED ने विजिलेंस ब्यूरो को दस्तावेज और अन्य विवरण उन्हें सौंपने के लिए कहा। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार, चूंकि मामले की जांच प्रारंभिक स्तर पर थी इसलिए उन्होंने उस समय कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया था, लेकिन अब विजिलेंस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है तो अब ED को भी विजिलेंस ने इस मामले का रिकॉर्ड सौंप दिया है। ED के अधिकारियों के साथ रिकॉर्ड साझा होने के बाद अब ED अपने स्तर पर बैंकों की ट्रांजेक्शन और प्रॉपर्टी आदि की जांच करने जा रही है। इससे पूर्व मंत्री आशू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

14 नवंबर को दायर की चार्जशीट
पंजाब सरकार ने पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू के खिलाफ 2000 करोड़ रुपए के खाद्यान्न परिवहन घोटाले में मुकदमा चलाने की मंजूरी पहले ही दे दी थी। 22 अगस्त को गिरफ्तार किए जाने के बाद से आशू अभी भी न्यायिक हिरासत में है। विजिलेंस ब्यूरो ने 14 नवंबर को कांग्रेस के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू, ठेकेदार तेलू राम और कमीशन एजेंट (आढ़ती) कृष्ण लाल धोतीवाला के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की थी।

16 अगस्त को किया था मामला दर्ज
विजिलेंस ने 16 अगस्त को गुरदास राम एंड कंपनी के भागीदारों, राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों और संबंधित खरीद एजेंसियों के कर्मचारियों के खिलाफ अनाज के लिए श्रम, ढुलाई और परिवहन निविदाओं को स्वीकार करने में कथित रूप से अनियमितता करने का मामला दर्ज किया था। लुधियाना जिले में आरोपियों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी, आदि), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना), 120B ( लुधियाना में सतर्कता ब्यूरो पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (), 8, 12 और 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

6 आरोपी अभी तक गिरफ्तार
मामले में अब तक कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। विजिलेंस ब्यूरो ने पहले ही पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू के करीबी पंकज मीनू मल्होत्रा, बर्खास्त डिप्टी डायरेक्टर फूड सिविल सप्लाई आरके सिंगला ​​​और इंद्रजीत सिंह उर्फ ​​इंदी सहित तीन आरोपियों के खिलाफ अदालत में कार्यवाही शुरू कर दी थी। फरार आरोपियों को जल्द भगौड़ा करार दे दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि आरके सिंगला ने कनाडा में नागरिकता ले ली है।

मिलीभगत से हुई धांधली
जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि तेलू राम ने उक्त काम के लिए करीब 25 करोड़ रुपए की रकम हासिल की थी। टेंडर प्राप्त करने के लिए मुलजिमों की तरफ से जमा करवाई गई गाड़ियों की सूचियों में कारों, स्कूटरों, मोटर साइकिलों आदि के रजिस्ट्रेशन नंबर थे। जबकि ढुलाई वाले वाहनों की सूचियों की पड़ताल करनी बनती थी। जांच के बाद जिला टेंडर कमेटी के द्वारा तकनीकी बोली को रद्द करना जरूरी था, लेकिन उन्होंने मिलीभगत करके टेंडर अलॉट कर दिए। गेट पासों में भी स्कूटरों, कारों आदि के नंबर लिखे हुए थे, लेकिन उक्त अधिकारियों ने इन गेट पासों में दर्ज सामग्री के सम्बन्ध में मुलजिम ठेकेदारों को अदायगी कर दी। इसके साथ अनाज के गबन का मामला भी सामने आया।