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पंजाब में मुख्यमंत्री Vs गवर्नर SC ने कहा CM का ट्वीट अनुचित तो भी सत्र में देरी नहीं की जा सकती बजट सेशन 3 मार्च से

जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच चल रही जंग की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। इस दौरान राज्यपाल के वकील ने कहा कि पंजाब में बजट सत्र बुलाने के लिए उन्होंने इनकार नहीं किया है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि संवैधानिक अधिकारियों के बीच हमारे संचार में संवैधानिक संवाद होना चाहिए.. ऐसे बयान नहीं हो सकते कि आप कौन हैं या केंद्र आपको कैसे चुनता है? सीएम का ट्वीट चाहे कितना ही अनुचित क्यों न हो, विधानसभा सत्र में देरी नहीं की जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर गवर्नर कोई जानकारी मांगते हैं तो सरकार देने के लिए बाध्य है। सुप्रीम कोर्ट में CM भगवंत मान और गवर्नर बीएल पुरोहित की एक-दूसरे को भेजी चिटि्ठयां भी पढ़ी गई।

इन मुद्दों पर बढ़ा झगड़ा पंजाब के राज्यपाल ने अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेजने, गुरिंदरजीत सिंह जवांडा को सूचना-संचार और प्रौद्योगिकी कॉर्पोरेशन (ICTC) का चेयरमैन बनाने, पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल की नियुक्ति और पदोन्नति, सुरक्षा को लेकर सीक्रेट मीटिंग में नवल अग्रवाल बैठाए जाने इत्यादि को लेकर सवाल पूछे थे।

इनके जवाब के बजाय भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा था कि वह पंजाब के तीन करोड़ लोगों के प्रति जवाबदेह हैं न कि केंद्र सरकार के नियुक्त किए गए किसी राज्यपाल के प्रति। उन्होंने साथ ही यह भी लिखा था कि पंजाब के फैसले इलेक्टिड प्रतिनिधि लेंगे न कि केंद्र सरकार द्वारा सिलेक्टिड प्रतिनिधि। राज्यपाल ने बजट सत्र को मंजूरी न देने के पीछे अब इसी ट्वीट को आधार बनाया है।

राज्यपाल ने कहा था- मुख्यमंत्री का ट्वीट अपमानजनक पंजाब सरकार ने मार्च महीने में बजट सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को चिट्ठी भेजी थी, लेकिन राज्यपाल ने अपने जवाब में यह कहते हुए बजट सत्र को मंजूरी देने से मना कर दिया था कि मुख्यमंत्री ने जो उनकी चिट्ठी के जवाब में ट्वीट कहा था वह अपमानजनक था। इसके लिए वह कानूनी सलाह ले रहे हैं। कानूनी सलाह के बाद ही वह मंजूरी पर फैसला लेंगे।