मान्यवर:-अमरोहा। लुधियाना के परिवार ने आदमपुर में उनकी 22 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाकर आक्रोश जताया। दबंगों पर जमीन के कूट रचित दस्तावेज तैयार कराने की बात कही।
आरोप लगाया कि तत्कालीन सीओ की जांच में आरोपी दोषी पाए गए हैं। इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। पीड़ित परिवार ने कलक्ट्रेट में आत्महत्या करने की बात कही तो प्रशासन में खलबली मच गई। अब अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को एसपी से मिलने का समय दिया है।
वर्तमान में पंजाब के लुधियाना निवासी सुखविंदर सिंह ने एसपी आफिस में शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि उसने अपने भाई, माता, चाचा के नाम पर नौ जुलाई 1984 को आदमपुर में 22 एकड़ जमीन खरीदी थी। यह जमीन संभल की मियां सराय निवासी सावरा खातून पत्नी हामिद हुसैन खां की थी। उन्होंने जमीन पर कब्जा करा दिया था।
लेकिन दुर्भाग्यवश 1984 में हुए सिख दंगों के दौरान वह अपनी जमीन छोड़कर 1987 में जनपद लुधियाना में जाकर बस गए थे। तभी से ठेके पर उनकी जमीन चली आ रही है। उसके चाचा गुरनाम सिंह द्वारा सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड हसनपुर द्वारा कृषि के लिए ट्रैक्टर पर लोन लिया गया जो आज भी चल रहा है। लेकिन स्थानीय लोगों ने तीन जुलाई 1992 को एक कूटरचित और फर्जी नीलामी तैयार कर उसकी जमीन को हड़पने इरादे से अवैध कब्जा कर लिया।
पिछले 10 वर्ष से आरोपी उत्पीड़न कर रहे हैं। परिवार वालों को जान माल का खतरा बना हुआ है। इस मामले तत्कालीन एसडीएम और सीओ से जांच कराई गई। जिसमें अवैध कब्जेधारक दोषी पाए गए। इसके बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। पीड़ित परिवार ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जमीन नहीं मिली तो वह आत्मदाह करने के लिए विवश होंगे। फिलहाल एलआईयू की टीम ने लोगों को समझाकर मंगलवार को एसपी पूनम से मिलवाकर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है।