जालंधर (ब्यूरो): ‘रेवड़ी कल्चर’ (Revdi Culture) को लेकर हो रही बहस थमने का नाम नहीं ले रही. फ्री योजनाओं को लेकर तमाम पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं. अब RLD (Rashtriya Lok Dal) चीफ जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने मामले पर सीधे देश के चीफ जस्टिस (Chief Justice of India) पर सवाल खड़े किए हैं. जयंत चौधरी ने ट्वीट कर पूछा कि भारत के माननीय चीफ जस्टिस को कौन-कौन सी ‘फ्रीबीज’ मिलती हैं. जयंत चौधरी ने इस मामले में एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) से ये भी पूछा कि क्या अग्निपथ भी रेवड़ी नहीं है?
जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा,
“सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने सीजेआई को बताया कि चुनाव के दौरान किए गए ज्यादातर वादे घोषणापत्र का हिस्सा नहीं होते. यह बीजेपी के लिए सही हो सकता है लेकिन हमारे लिए नहीं है. विधानसभा चुनाव में रैलियों के दौरान किए गए सभी वादों को हमने घोषणा पत्र में शामिल किया था.”
राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने आगे कहा,
“जब पार्टियां घोषणापत्र घोषित किए बिना चुनाव प्रचार शुरू करती हैं तभी ये समस्याएं पैदा होती हैं. हमने घोषणापत्र समय पर घोषित किया था ताकि मतदाता प्रमुख मुद्दों को समझ सकें. वादे लोकतांत्रिक मतदान प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए अभिन्न हैं!”
इसके बाद जयंत सिंह ने ट्वीट कर पूछा,
“भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश को कौन-कौन सी फ्रीबीज़ दी जाती हैं?”
बता दें सुप्रीम कोर्ट में ‘रेवड़ी कल्चर’ यानी फ्री योजनाओं पर रोक की मांग को लेकर सुनवाई चल रही है. चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘मुफ्त’ का वादा करने वाले राजनीतिक दलों पर बैन लगाने की मांग की गई है।
मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा उपहार का वादा और उसे बांटना एक गंभीर मुद्दा है. इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है. साथ ही SC ने साफ किया कि इसके लिए राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द नहीं किया जा सकता।
पीएम मोदी भी रेवड़ी कल्चर को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साध चुके हैं. भाजपा ने दावा किया था कि जहां केंद्र सरकार की नीतियां समाज के विभिन्न वर्गों को सशक्त बनाती हैं वहीं कुछ पार्टियां राजनीतिक फायदे के लिए मुफ्त उपहार देकर रेवड़ी कल्चर का हिस्सा बन रहीं है।