⇒⇒डीएवी कॉलेज जालन्धर के छह पूर्व छात्रों का भारतीय ओलम्पिक हॉकी टीम में चयन।
जालंधर(मान्यवर):-भारतवर्ष में शिक्षा के प्रचार प्रसार व सामाजिक चेतना के लिए आर्य समाज का अहम योगदान रहा है। आर्य समाज के संस्थापक व प्रसिद्ध समाज सुधारक स्वामी दयानन्द सरस्वती की विचारधारा को मूर्त रूप प्रदान करने की प्रक्रिया में डीएवी संस्थाओं का आविर्भाव हुआ। डीएवी यानी दयानन्द-एंग्लो-वैदिक भारतीय व पाश्चात्य शिक्षा पद्धति का मिश्रित रूप है। इसी कड़ी में डीएवी कॉलेज जालन्धर शिक्षा के क्षेत्र में न केवल पंजाब बल्कि पूरे भारत में अपनी पहचान कायम किए हुए है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू॰जी॰सी॰) द्वारा ‘कॉलेज ऑफ एक्सीलैंस’ तथा नैक द्वारा ‘ए’ गे्रड प्राप्त, भारत सरकार की ओर से स्टार कॉलेज स्कीम से समर्थित डीएवी कॉलेज लगातार एक शताब्दी से शिक्षा की गुणवत्ता के हिसाब से नित नवीन उपलब्धियों के साथ शिरोमणि संस्था के रूप में अग्रगामी है।
कॉलेज ने समय-समय पर शिक्षा, खेल, संगीत, वाणिज्य, विज्ञान, कला, राजनीति व सामाजिक क्षेत्र में विविध प्रतिभाओं का तराश कर अपना योगदान दिया है। डीएवी ने वैज्ञानिक, राजनेता, नौकरशाह, रक्षा अधिकारी, कलाकार और खिलाड़ी तैयार किए हैं जो राष्ट्र का गौरव हैं और दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। इस कॉलेज ने राष्ट्र को 27 ओलंपियन, 02 पद्मश्री, 09 अर्जुन अवार्डी, 04 ध्यानचन्द अवार्डी, 02 द्रोणाचार्य अवार्डी तथा बहुत से महाराजा रणजीत सिंह अवॉर्डी छात्र दिए हैं।
टोक्यो जापान में आयोजित ओलम्पिक 2021 में भाग ले रही भारतीय हॉकी टीम में डीएवी कॉलेज जालन्धर के छह पूर्व छात्रों का चयन हुआ है। इस अवसर पर आज कॉलेज मे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ।
आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कॉलेज प्राचार्य डॉ. एस. के. अरोड़ा ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए गर्व का क्षण है तथा कॉलेज के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है। डीएवी कॉलेज एक ऐसा उद्यान है जहां ओलंपियन रूपी पुष्प पल्लवित होते हैं। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि कॉलेज के लिए इस बार टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का विशेष ऐतिहासिक महत्त्व है, जिसमें कॉलेज के एक से अधिक खिलाड़ी एकल ओलंपिक आयोजन में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हेलसेंकी 1952 ओलंपिक में दो खिलाड़ी, मेलबोर्न 1956 ओलंपिक में एक खिलाड़ी, रोम 1960 में तीन खिलाड़ी, टोक्यो 1964 में पांच खिलाड़ी, मेक्सिको 1968 में छह खिलाड़ी, म्यूनिच 1972 ओलिम्पिक में दो खिलाड़ी, मास्को 1980 ओलिम्पिक में चार खिलाड़ी, लॉस एंजिल्स 1984 में ओलिम्पिक में दो खिलाड़ी, सियोल 1988 ओलिम्पिक में एक खिलाड़ी और अब 53 साल बाद एक बार फिर हमने भारतीय ओलंपिक हॉकी टीम में छह खिलाड़ियों का योगदान देकर अपने ही रिकॉर्ड की बराबरी करके इतिहास रच डाला है।
उन्होंने भारतीय हॉकी टीम को ओलंपिक विजेता बनने हेतु शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए विश्वास जताया कि इस बार का स्वर्ण पदक भारत के नाम रहेगा और भारत ओलंपिक पदकों की सूची में शीर्ष स्थान पर काबिज रहेगा। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय विद्यार्थियों का समुचित निर्देशन करने वाले शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनु सूद व विभाग के प्राध्यापकों, कोच साहिबानों तथा विद्यार्थियों के दृढ़ संकल्प व कड़ी मेहनत को दिया।
इस अवसर पर शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनु सूद ने बताया कि इस बार कॉलेज के पूर्व छात्र मनप्रीत सिंह (कैप्टन), हरमनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, दिलप्रीत सिंह, गुरजंट सिंह, शमशेर सिंह, टोक्यो की धरती पर अपना दमखम दिखाएंगे।
उन्होंने बताया कि मनप्रीत सिंह इस बार टीम की कप्तानी कर रहें है। यह दूसरा मौका है कि डी ए वी कॉलेज के विद्यार्थी को यह सम्मान मिला है। इस से पहले 1972 म्यूनिच ओलिंपिक्स में स. हरमीक सिंह ने भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी की थी।उन्होंने कहा कि इस से पहले स. उधम सिंह, स. सरूप सिंह, कुलवन्त अरोड़ा, हरीपाल कौशिक, बलबीर सिंह कुलार, जगजीत सिंह कुलार, धर्म सिंह, तरसेम सिंह कुलार, हरमीक सिंह, चार्ले कॉर्नेलियस, चरणजीत कुमार, अमरजीत सिंह राणा, दवीन्द्र सिंह गरचा, हरप्रीत कौर, राजिंदर सिंह जूनियर, गगनदीप कुमार, रमनदीप सिंह ओलंपिक में भाग लेकर डीएवी कॉलेज का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा चुके हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि 33 खिलाड़ियों के पूल 12 खिलाड़ी डीएवी कॉलेज के होनहार छात्र हैं। जिनमें से छह खिलाड़ियों का चयन मुख्य टीम में हुआ है। उन्होंने इस बार चयनित खिलाड़ियों को इस प्राप्ति हेतु बधाई देते हुए विश्व विजेता बनने के लिए शुभकामनाएं दी। जो छह खिलाडी रमनदीप सिंह, जर्मनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, गुरिन्द्र सिंह, गुरसाहिबजीत सिंह, सिमरनजीत सिंह मुख्य टीम में शामिल नहीं हो पाए उनका भी हौंसला बढ़ाते हुए भविष्य में और अधिक मेहनत करने का संदेश दिया। इस अवसर पर शारीरिक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक प्रो. सौरभ शर्मा व विभाग की पूरी टीम को भी बधाई दी। डॉ. मनु सूद ने हॉकी पंजाब के सभी पदाधिकारीगण तथा पी. आई. एस. के कोच स. अवतार सिंह के अमूल्य योगदान हेतु विशेष रूप में धन्यवाद किया।
अंत में शारीरिक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक प्रो. सौरभ शर्मा ने भारतीय हॉकी टीम को शुभकामनाएं प्रेषित की तथा कॉलेज पीआरओ डॉ. विनोद बिश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस हेतु सभी का आभार प्रकट किया।