मान्यवर:-पश्चिम बंगाल सीआईडी ने कोलकाता हवाईअड्डे के निकट एक इलाके से दो लोगों को अवैध रूप से रेडियोधर्मी पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिनका अनुमानित मूल्य 4,250 करोड़ रुपये है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति से गुप्त सूचना मिलने पर कार्रवाई करते हुए सीआईडी अधिकारियों ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
व्यक्ति के अनुसार, रेडियोधर्मी सामग्री के चार टुकड़ों की बिक्री के लिए दोनों आरोपियों ने उससे संपर्क किया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब्त किए गए चार टुकड़ों में से एक कैलिफोर्नियम होने का संदेह है, जिसके कई व्यावहारिक उपयोग हैं और इसके एक ग्राम की कीमत लगभग 170 करोड़ रुपये है।
अधिकारी ने बताया कि ‘दोनों ने दावा किया कि उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये संपर्क कर कर्नाटक के किसी व्यक्ति से रेडियोधर्मी पदार्थ खरीदा था, जिसका कुल वजन 250 ग्राम था।’ सीआईडी अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों को बुधवार को परमाणु ऊर्जा कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया, ‘हमें लगता है कि ये सामग्री किसी प्रयोगशाला से चुराई गई है। हमने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।’ प्रख्यात वैज्ञानिक प्रो. बिकाश सिन्हा ने पीटीआई को बताया कि कैलिफोर्नियम का प्रयोग ज्यादातर प्रयोगशालाओं में अनुसंधान के लिए रेडियो सक्रिय तत्व के रूप में किया जाता है। साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स एंड वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर के पूर्व निदेशक सिन्हा ने कहा, ‘इसका उपयोग पेट्रोलियम उद्योग आदि में अयस्कों की पहचान के लिए किया जाता है।
इसका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि व्यावहारिक तौर पर इस पदार्थ से परमाणु बम बनाना निरर्थक बात है क्योंकि यह बेहद महंगा होगा। सीआईडी अधिकारियों ने कहा कि अगर जांच में जब्त किए गए पदार्थ कैलीफोर्नियम साबित होते हैं तो इनकी बाजार कीमत करीब 4,250 करोड़ रुपये हो सकती है |