मान्यवर:-जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के सफाकदल इलाके में दो शिक्षकों की हत्या के मामले में जम्मू के विभिन्न संगठनों द्वारा रोष व्यक्त करने के लिए प्रदर्शन किए जा रहे हैं। सुबह से ही जम्मू में लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं और नारेबाजी कर रोष व्यक्त कर रहे हैं। लोगों द्वारा लगातार सरकार से इंसाफ की मांग की जा रही है।
रियासी में भी बार एसोसिएशन ने कश्मीर में हुई हत्याओं के विरोध में रोष रैली निकाली, जिसमें लोगों ने इंसाफ की गुहार लगाई। वहीं जम्मू कश्मीर पीपुल्स फोरम ने भी महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा के पास तवी पुल पर प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय बजरंग दल ने भी रोष व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार का पुतला भी फूंका। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि कश्मीर में दो शिक्षकों की निर्मम हत्या की गई है लेकिन प्रदेश सरकार आंखें मूंदे बैठी है।
बजरंग दल के अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने बताया कि कश्मीर के हालात फिर से 1990 दशक की तरह हो रहे हैं। हालांकि कश्मीर में अल्प संख्यक हिंदू और सिख समुदाय के लोगों के संरक्षण के लिए सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई थी। लेकिन उन्हें सुरक्षा देने में सरकार नाकामयाब रही है। इस वजह से बीते 48 घंटे में घाटी में 5 लोगों को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई।
राकेश ने बताया कि कश्मीरी विस्थापितों को सरकार बार-बार घाटी भेजने की घोषणा करती है। लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी काम नहीं हो पाया है। लगातार घाटी में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। 90 के दशक से रह रहे घाटी में अल्पसंख्यक हिंदू के मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। बीते दिनों अनंतनाग में एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई है।
उस पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। दरअसल जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के ईदगाह इलाके में 7 अक्तूबर को स्कूल के अंदर घुसकर आतंकियों ने शिक्षकों पर लगातार फायरिंग कर दी जिसमें दो शिक्षकों की मौत हो गई थी। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।