दूर तक बस रही है कॉलोनियां लेकिन इनका सीवरेज कहां है ? लोगों के घरो का पानी कहां जा रहा है ?
जालंधर(मान्यवर) :- अगर हम जालंधर शहर की बात करे तो यहां पर सबसे ज्यादा आबादी बसने के लिए तैयार है उसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि यहां पर हर तरह की सुविधाए उपलब्ध है अगर हम आज की बात करे तो 66 फ़ीट रोड पर सबसे ज्यादा आबादी बस रही है और यहा पर लाखो रुपए के फ्लैट्स या फिर कॉलोनिया बसाई जा रही है | लोग अपने खून पसीने से कमाई गयी जीवनभर की मेहनत की कमाई को यहां पर किसी फ्लैट या फिर किसी जगह को खरीदकर अपने सपनो का आशियाना बनाने की सोचते है किन्तु उन भोलीभाली जनता को यह नहीं पता कि जिन मूलभूत आवश्कताओ की उनके घर को जरूरत होती है या उनके जीवन में जरूरत पड़ती है वह मूलभूत आवश्यकताए इस स्थान पर नहीं है |
अगर हम बात करे सीवरेज की तो यहां पर नगर निगम के द्वारा कोई भी सीवरेज नहीं डाला गया है | यहां पर लोग लाखो रुपए खर्च करके अपने सपनो का आशय बना रहे है लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम की यहां पर सीवरेज की कोई व्यवस्था नहीं है | अगर यहां पर कोई व्यवस्था की भी गयी है तो इतना लाखो लीटर गंदा पानी कहा जा रहा है ? और कैसे खपाया जा रहा है ? इस मामले में यह भी पता चल रहा है कि कुछ बड़े बिल्डरों ने अंदर ट्रीटमेंट प्लांट लगा रखे है | क्या यह ट्रीटमेंट प्लांट वहां पर इकठ्ठे हो रहे गंदे पानी की क्षमता के अनुरूप है ? या नहीं ? इस सवाल का जवाब तो आने वाला समय ही बताएगा |